वेदव्यास संस्कृत सोसाइटी “तमसो मा ज्योतिर्गमय” ➢अपने विचारों को संस्कृत भाषा में अभिव्यक्त करने की क्षमता विकसित करना। ➢विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास करना। ➢व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यार्थियों को संस्कृत साहित्य पढ़ने के लिए प्रेरित करना। ➢विचार शक्ति और सकारात्मक सामाजिक दृष्टिकोण विकसित करना। ➢विद्यार्थियों में राष्ट्रीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना जागृत करना।